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चेतना प्रकाश चितेरी , प्रयागराज
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I'm चेतना प्रकाश and I love to read StoryMirror contents.

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चेतना प्रकाश चितेरी का सुविचार – अगर, आपके साथ आपके अपने ही छल कर रहें हैं, तो आप दु:खी मत होईए ! यकीन , मानिए! मेरा वे अपना कर्म बिगाड़ रहे हैं। उन्हें दूसरे का अन्न ,धन लूटने में बहुत अच्छा लगता है , ऐसे व्यक्तियों से परेशान ना होईए! आपके लिए एक विकल्प है - झूठे रिश्तों से दूर रहना ही अच्छा है। १/१२/२०२३ , ११:४९ पूर्वाह्न

इंद्रधनुषी रंगों से सजा, ख़ूबसूरत- साआपका जीवन हों | कामयाबी के पथ पर बढ़ते जाएंँ, चेतना प्रकाश की अभिलाषा है | आपको और आपके परिवार को मेरे परिवार की तरफ से होली की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएंँ | चेतना विद्या प्रकाश सिंह चेतना प्रकाश चितेरी, प्रयागराज ८/३/२०२३ , ६:५ अपराहन्

स्वस्थ दिल का राज क्या है? मेरा हंँसता हुआ दिल , दूसरों के दिलों से उतनी ही अपेक्षा रखता है , जितना कि मैं उसके लिए समर्पित हूँ , अगर ना मिले तो मायूस हो जाता है, इसलिए अब मैं किसी से अपेक्षा ही नहीं रखती हूंँ, मेरा दिल खुश रहता है, मैं तो अब तनाव से मुक्त रहती हूंँ। आप सभी को विश्व हृदय दिवस की हार्दिक बधाई। चेतनाप्रकाश चितेरी , प्रयागराज 29/9/2022,12:40 p.m

मेरा कार्य मेरे नाम के अनुरूप हो। ____चेतनाप्रकाश 15/8/2022,9:07 p. m.

चेतना के सुविचार____ हम किसी के लिए प्रेरणा हैं तो हमारी जिम्मेदारियां, उसके प्रति और बढ़ जाती है। (स्वरचित) चेतनाप्रकाश चितेरी , प्रयागराज 9/8/2022,11:9p.m.

दोस्ती में, भेदभाव नहीं होता। दोस्ती में , अटूट प्रेम होता है। मेरे प्रिय! सभी दोस्तों को मित्रता दिवस की हार्दिक बधाई। चेतनाप्रकाश चितेरी, प्रयागराज 7/8/2022,2:55 P.m.

धरा पर कहीं अंधेरा ना हो, चारों ओर चेतनाप्रकाश हो। ____मेरे क़लम से चेतना प्रकाश के सुविचार__ ख़ूबसूरत जीवन जीने के लिए सुंदर– सा मन हो। ____मेरे क़लम से चेतना प्रकाश चितेरी , प्रयागराज 2/8/2022,12:50 p.m.

क़रीब ______ तुम मेरे दिल के इतने क़रीब हो , चाह कर भी मैं तुम्हें भूल नहीं सकती। एहसास ______ तुम मीठा– सा मेरे हृदय का वह एहसास हो , जिसे याद करके मेरा रोम – रोम पुलकित हो उठता है। (स्वरचित) चेतनाप्रकाश चितेरी , प्रयागराज 25/7/2022,4:29 p.m

हमेशा तुम मुझ पर , मिलने का आरोप लगाती रही हो , और हम तुमसे मिलने के लिए हर पल आतुर हैं , तुम मेरे मोहल्ले में आई हो , मुझसे मिलना तो दूर, तुमने मुझे मुड़ कर देखा भी नहीं। (स्वरचित) चेतनाप्रकाश 4/7/2022,9:39a.m.


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