M.Sc(PHYSICS), POEM WRITER, LYRICS ETC
हर इंसान में बसते हो, आप। मैं जानता हूँ, आपको स्त्री हो, आप। हर इंसान में बसते हो, आप। मैं जानता हूँ, आपको स्त्री हो, आप।
तुम हो ना, अब वहाँ जहाँ कभी हम थे। तुम हो ना, अब वहाँ जहाँ कभी हम थे।
सुबह की प्रार्थना, शाम की अज़ान है, हर एक पिता की ओ दूसरी भगवान है, सुबह की प्रार्थना, शाम की अज़ान है, हर एक पिता की ओ दूसरी भगवान है,