Neha yadav
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U WANA KNOW MYSELF THAN EXCUSE ME I HAVE NOT KNOWN TO ME TILL NOW

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बातों में खनक होनी चाहिए..  आंखो में चमक होनी चाहिए.. दिल मे मोहब्बत की महक होनी चाहिए..  बस महबूब को भी वही कसक होनी चाहिए..

उस बिरह की रात में करवटें बदली दोनों ने ना जाने कितनी, जितनी सीने में उनकी साँसे चली और आंखो की पलके झपकी उतनी, हर एक हवा का झोंका जाने क्यु खामोश हुआ, हर आहट मे उन्हे एक दूजे के आने का एहसास हुआ,रोज़ सी रात से दिन फिर दिन से रात हुई है

रोज़ सी रात से दिन, फिर दिन से रात हुई है,  रोज़ से दो दिल तड़पे हे, फिर बिरह की बात हुई है, रोज़ सी सुनसान सड़क, रोज़ सा अंधेरा है, रोज़ सा बंद आँख में भी उसी चाहत का चेहरा है...  


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