जब देखता है वो मुझे खिड़की से छुपते-छुपाते, और बहाने मेरे दरवाजे पर दस्तक देने के हज़ार करता है।। पता नहीं खुदके लिए दुआए मांगता भी होगा या नहीं, पर मेरी सलामती की दुआ हर बार करता है।। क्या यही वो शख्स है, जो मुझे, मुझसे भी ज़्यादा प्यार करता है।। ✍️आँचल❤️
मुझे इस्तेमाल सब हैं करते,पर मेरी फिकर न कोई करता हैं.. शायद समझने में भूल होरही है इंसानो से, कि, पानी ही है! जो इन्हें ज़िंदा रखता हैं।। -नदी की आवाज़! --✍️आँचल
जो रात बितायी थी तेरे संग, वो रात मैं ना भूलू कभी.. तेरे इश्क़-ए-एहसास से खिल उठी थी मैं, जैसे दल-दल में खिलता है कमल।। तेरी रूह का जादू कुछ ऐसा था कि तुझे अपनी बनाकर दिल में बढ़ने लगी थी हलचल।। -- आँचल
तुम्हे याद करते रहे, आँखे ज़ार-जार करते रहे, दौर भी ऐसा आया ज़िन्दगी की राह में की, तेरा साथ भी मिला नहीं.. कोशिश बहोत की तुझ तक पहोच पाने की, दूरियां कुछ इस कदर बढी कि पत्र जो लिखा वो भी भेजा नहीं।। -आँचल
होते बहूत खास हैं, लेकिन बेनाम रह जाते हैं.. कुछ रिश्ते ज़िन्दगी बनजाने के बाद भी, अनकहे रह जाते है।। एहमियत बेहद अकीदतमंद हैं, रूह जैसे जुड़ी हुई संग है.. पूरे ना होसके कुछ ऐसी दास्तान बन जाती है, जनाब कुछ रिश्ते ऐसे भी होते है, जो अनकहे रह जाते हैं।।