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हौसलों का दामन पकड़ा और बस निकल पड़ी हौसलों का दामन पकड़ा और बस निकल पड़ी
जीवन की डोर और जीने की आस के, बंधन में जकड़ कर स्वयं को लुप्तप्राय अस्तित्व की अस्मिता को अब न भ... जीवन की डोर और जीने की आस के, बंधन में जकड़ कर स्वयं को लुप्तप्राय अस्तित्व क...