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कल की छोड़ो, उठो जगो, और करो समुन्नत आज को। घूम-घूम के करूँ सजग मैं, शोषित-पीड़ित समाज कल की छोड़ो, उठो जगो, और करो समुन्नत आज को। घूम-घूम के करूँ सजग मैं, शोष...
ढोंग और पाखंड नाश का, व्रत हम सबको लेना होगा। ढोंग और पाखंड नाश का, व्रत हम सबको लेना होगा।