@nivedita-chakravorty

Nivedita Chakravorty
Literary Captain
5
Posts
2
Followers
1
Following

I'm Nivedita and I love to read StoryMirror contents.

Share with friends

जीवन है तो तुम एक शरीर, अपेक्षा, उलाहना, क्रोध, प्रतीक्षा, प्रशंसा, आत्मीयता, अधिकार जीवन नहीं तो तुम एक अगोचर, विचार, स्मृति, अतीत, शिक्षा, अनुभव©निवेदिता चक्रवर्ती

जीवन एक अविराम युद्ध और हम सब योद्धा ,ध्यान रहे बस जीते जी शस्त्र न गिरें ,मृत्यु के बाद पराक्रम पर दो आँसू ज़रूर गिरें।

गति ही मनुष्य की पहचान भी है और स्वभाव भी। रुका हुआ जल कीटाणु ही उत्पन्न करता है इसलिए एक नदी बनो, कभी शांत, कभी थोड़ी उछालें भरती हुई।


Feed

Library

Write

Notification
Profile