जीवन है तो तुम एक शरीर, अपेक्षा, उलाहना, क्रोध, प्रतीक्षा, प्रशंसा, आत्मीयता, अधिकार जीवन नहीं तो तुम एक अगोचर, विचार, स्मृति, अतीत, शिक्षा, अनुभव©निवेदिता चक्रवर्ती
जीवन एक अविराम युद्ध और हम सब योद्धा ,ध्यान रहे बस जीते जी शस्त्र न गिरें ,मृत्यु के बाद पराक्रम पर दो आँसू ज़रूर गिरें।