ऋषभ तोमर राधे अम्बाह मुरैना मप्र के निवासी है इनकी प्रारंभिक शिक्षा शासकीय बाल /मध्य /हाई स्कूल रछेड़ व आगे की शिक्षा स्नातकोत्तर महाविद्यालय अम्बाह में जारी है ये अभी एक विद्यार्थी शिक्षार्थी और शोधार्थी के रूप में शिक्षा ग्रहण कर रहे है।हिंदी गजल गीत समाजिक समस्याओं पर लिखते रहते है।कई पत्र... Read more
Share with friendsसुनो ना ..... स्वार्थी बन जाओ बिल्कुल स्वार्थी, अपने सुख की भांति किसी को अपना दुख भी मत दो। अपनी खुशियों की तरह अपनी उदासियाँ भी मत बाटों। जो है तुम्हारा उसको सहो जैसे सहते हो अपने चेहरे पर जेष्ठ की चिलचिलाती धूप। कभी इस चिचिलाती धूप में बार बार बन्द होती हुई पलको को खुला रखने का प्रयास करो तुम देखोगें.... अंधाकर और प्रकाश कितने पास पास है। भावुक
मिलती रहे पग पग पे तुम्हे जीत जिंदगी हो जैसे सावन का गीत ढेर सारी शुभकामनाओं के साथ बोलता हूँ तुम्हे हैप्पी न्यू ईयर मीत