अपनी खुशियां चुनो, दूसरे की खुशियां छीनने की कोशिश मत करो।
मैं आहिस्ता-आहिस्ता उनके पास गया और उनसे पूछा, "क्या आप रो रहे हैं?" मैं आहिस्ता-आहिस्ता उनके पास गया और उनसे पूछा, "क्या आप रो रहे हैं?"
पेड़ों पर जुगनू की रोशनी में ऐसा लग रहा था जैसे हजारों सितारे जमीन पर उतर आए हों। पेड़ों पर जुगनू की रोशनी में ऐसा लग रहा था जैसे हजारों सितारे जमीन पर उतर आए हों...
"तुम्हें मार कर मुझे अपने हाथ गंदे नहीं करने हैं। तुम तो मेरी नफ़रत के क़ाबिल भी नहीं हो "तुम्हें मार कर मुझे अपने हाथ गंदे नहीं करने हैं। तुम तो मेरी नफ़रत के क़ाबिल भी न...