अपनी मंज़िल की तलाश में, अपने आप की तलाश में, अपने अस्तित्व की वजह तलाशता एक अकेला राही।
याद कर वो वक़्त जब तेरी याद में रोते थे हम, अब तू कितना भी रो, तेरे लिए रोना छोड़ चुके हैं हम। दाग जो तूने दिए, तुझे बेदाग होने न देंगे, तेरे जख्मों से मोहब्बत का रिश्ता, अब तोड़ चुके हैं हम।