तुम समय की रेत पर छोड़ते चलो निशान ,देखती तुम्हे जमीं देखता ह आश्मान लिखे चलो नौजवान नित नई कहानिया,तुम मिटा दो ठोकरों से जुल्म की निशानिया कल की तुम मिशाल हो सब से बे मिशाल हो ,तिनके तिनके को बना दो जिंदगी का कारवा
“ जिनकी फितरत में हैरत समायी नहीं,जिनको हवश से जयादा मै भायी नहीं ऐसे साजन की मुझको जरूरत नहीं ,न कहने का सुन लो मुहूर्त यही | मै अकेली चलूंगी किस्मत से मिलूंगी,अरे मुझे क्या बेचेगा रुपया |”