Bhagyashri Chavan Patil
Literary Colonel
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I like to write poetry's in Hindi and Marathi and also I like to write articles in Marathi . . . . #writer☺️💓 #poet☺️💛 #MBA😎 #SELF_MOTIVATED🤩 #Please_Vote_like_comment_share

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भावनिक आधाराला काठी ची सवय लागणं कधी ही धोक्याचे

कुछ बातें कुछ यादें कुछ ज़िंदगी के पल तो कहीं ख़ुद से ही नईं टक्कर ।। कुछ दूरियां कुछ खामोशियां कुछ आंसू आ निकल ये कैसी मासुमियत ले आइ एक नया सफ़र।।

उसने भी क्या खुब प्यार जताया कुछ ना देख सिर्फ एक दूसरे से प्यार किया।। जब ना रह सके एक दूसरे के बिना मौत ने भी एक ही बार दोनों को गले लगाया।।

सुना है वहा स्वर्ग से हवा आती हैं जहा भोलेनाथ होने का विश्वास मिलता है।। वहा की जगह सिर्फ़ उनका नाम लेती हैं कोई दिल रह गई बात महादेव ख़ुद पूरा करते हैं।।

ये दुनिया है तेज़ धूप, पर वो बस छाव होती हैं।। स्नेह से सजी, ममता से भरी, मां तो बस मां होती हैं।।

आई म्हणजे त्या मंदिराचा उंच असणारा कळस आई म्हणजे त्या दारातली पवित्र असणारी तुळस... आई म्हणजे माझ्या नात्यातला मायेचा अतुट ठेवा आई म्हणजे साक्षात भगवंतानी दिलेला सुखद मेवा... आई म्हणजे माझ्या पहिल्या खऱ्या प्रेमाची सुरुवात आई म्हणजे रोजच्या माझ्या जगण्याची मिळकत... आई म्हणजे माझे विश्व व्यापून टाकणारी भावना आई म्हणजे माझ्या यशाला मिळणारी गुरुदक्षिणा..

आज कल वक्त मानो हर किसे के पास होता है सिर्फ आप उस वक्त के हकदार होने चाहिए क्योंकि हर बार आप ही नहीं होते हैं।।

उस चांदनी रात की तरह हम भी सोचते हैं।। हम किसी की राह ना देखे तो वो सुबह कैसी होती हैं।।

बेपन्ह मोहब्बत हमने आपसी भी की है।। पर क्या करे उस वक्त ने सच्चा इश्क भी ठुकरा दिया है।।


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