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शायद वह आखिरी मुस्कान थीउन रूखे होंठों पर शायद वह आखिरी मुस्कान थीउन रूखे होंठों पर
सदैव ही इतिहास में,क्यूँ कर बेटियां ही जलती हैं। सदैव ही इतिहास में,क्यूँ कर बेटियां ही जलती हैं।