प्रवीन शर्मा
Literary Colonel
AUTHOR OF THE YEAR 2021 - NOMINEE

204
Posts
0
Followers
0
Following

वक़्त ठहर सा गया है, चलते चलते आपके साथ दिन रात होती है बस आपकी मुस्कुराहट की बात कल किसी ने नही देखा तो क्यों डरें हमसफर और आगे चलते है बढ़ाइए न अपना हाथ....

Share with friends
Earned badges
See all

सोचो दरख्त के तो साये में भी जिंदगी है और इंसान के शब्दों में भी जहर फिर भी दरख्तों को काटा जाता है इंसानो की खातिर.... #शर्माजीकेशब्द

माँ कहने के बाद भला अब, किस समर्थ कुछ देने को, अम्बे मेरा तन मन तुमसे, शेष भला क्या कहने को, शक्ति तुम प्रकृति तुम, मां तुम ही प्राणाधार हो, सर पर हाथ मेरे रखो, शरणागत को जीने दो, जय माता की

अधूरे दरवाजे से झांकने वाले,राहगीर का कुछ ख़याल कर क्या मिलेगा गरीब को सताकर, नजरें बांधकर यूँही मुस्कुरा देना तुम्हारा तो खेल ठहरा ए गुलनूर जान का खतरा है इसमें, कसम से न बबाल कर #शर्माजी के शब्द

मुझे तुम इतने प्यारे क्यूँ हो, पता नही कब समझोगे तुम में मैं लापता कही मिन्नतें, एहसान, फिर दिल टूटना इसमें कोई मजा नहीं तुम्हारे सिवा प्यार करने जैसी कोई सजा नहीं #शर्माजी के शब्द

मुझे तुम इतने प्यारे क्यूँ हो, पता नही कब समझोगे तुम में मैं लापता कही मिन्नतें, एहसान, फिर दिल टूटना इसमें कोई मजा नहीं तुम्हारे सिवा प्यार करने जैसी कोई सजा नहीं #शर्माजी के शब्द

अधूरे दरवाजे से झांकने वाले,राहगीर का कुछ ख़याल कर क्या मिलेगा गरीब को सताकर, नजरें बांधकर यूँही मुस्कुरा देना तुम्हारा तो खेल ठहरा ए गुलनूर जान का खतरा है इसमें, कसम से न बबाल कर #शर्माजी के शब्द

मंजिल से मोहब्बत के गुनाहगार है हम बेज़ार रास्तों के हकदार है हम जिसकी खातिर इतनी बेसब्री रही ताउम्र उस एक झलक के तलबगार है हम #शर्माजी के शब्द

दिल की ख्वाहिशों से मजबूर हो चुका मैं मोहब्बत इस कदर काबू करेगी सोचा नहीं था जान को जान मानकर जान देने चल दिया कुदरत काला जादू करेगी सोचा नही था #शर्माजी के शब्द

ये रास्ते मंजिल नहीं है मेरी मगर साथ, जब तक इन पर नजर ठहरी साहिल याद रखना लहर का फितूर नहीं पर पहुंचकर भी वो कब वहाँ ठहरी #शर्माजी के शब्द


Feed

Library

Write

Notification
Profile