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ये रास्ते...

ये रास्ते मंजिल नहीं है मेरी मगर साथ, जब तक इन पर नजर ठहरी साहिल याद रखना लहर का फितूर नहीं पर पहुंचकर भी वो कब वहाँ ठहरी #शर्माजी के शब्द

By प्रवीन शर्मा
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