वक़्त ठहर सा गया है, चलते चलते आपके साथ दिन रात होती है बस आपकी मुस्कुराहट की बात कल किसी ने नही देखा तो क्यों डरें हमसफर और आगे चलते है बढ़ाइए न अपना हाथ....
Written & Narrated by प्रवीन शर्मा