हार का सामना करने के बाद, जीत का ज़ज़्बा और बढ़ जाता हैं।
कमज़ोर न समझना उसे, वही दुर्गा का रूप है, वही काली का स्वरूप है। कमज़ोर न समझना उसे, वही दुर्गा का रूप है, वही काली का स्वरूप है।