मै विद्यालय संचालक हू, साथ में कहानी, कविता, लिखता हूं
सूखे कंठ जब, अंतकाल हो मेरा, तुम गंगा जल बन आ जाना ! सूखे कंठ जब, अंतकाल हो मेरा, तुम गंगा जल बन आ जाना !