I'm Ashish and I love to read StoryMirror contents.
मेरे हिस्से की खुशियाँ देने में किसी और को और कहती हो इश्क़ है। मेरे हिस्से की खुशियाँ देने में किसी और को और कहती हो इश्क़ है।
कैसे वो बन के परछाई तेरी, तुझको जीना सिखाती रही। कैसे वो बन के परछाई तेरी, तुझको जीना सिखाती रही।