I'm एम एस and I love to read StoryMirror contents.
Share with friendsनए जोश, नई उमंग, नये सपने लेकर नया कुछ करने और नया कुछ पाने को खट्टे मीठे लम्हों संग ये वर्ष बीत गया लम्हा बन जीवन का ये वर्ष छूट गया 2023 को बाय 2024 का स्वागतम
हमें यूँ ही समझ पाएँ हर कोई इतनी भी आसाँ ये बात नहीं दिल में जगह बना पाये कोई हर किसीके बस की बात नहीं रिस्तों के लिए धन-रूप कुछ भी नहीं निभाने को दिल में अहसास चाहिए कसमें-वादे जन्मों के कौन माँगता है हमें फकत खुशी के चन्द पल चाहिए 30-11-2023 शाम 7 बजे
भावों से भरे प्रीत से पले सम्बन्धों में न कोई जीत न कोई हार होती है ये सिर्फ नज़रिया है समझने का क्योंकि अहसासों कि तकरार में कोई जीत कर भी हार जाता है कोई हार कर भी जीत जाता है ©सुबोध उमराव 16 सितम्बर 2023 08:40 am
सच है बेटियां बहुत कमाल करती हैं जन्म से अंत तक न आराम करती हैं .............................................. जिसकी प्रकृति ही है नव निर्माण की उसे क्या जरुरत किसी अहसान की सुबोध उमराव 13 -10 -2023 08:55 AM
दिल के दर्द को छुपाना कितना मुश्किल है टूटकर फिर मुस्कुराना कितना मुश्किल है किसी के साथ दूर तक जाने के बाद अकेले लौटकर आना कितना मुश्किल है
अकाल पड़ा है पूरी दुनिया में................ प्रेम आदर और सम्मान का क्योंकि लेना सभी चाहते हैं पर देना कोई नहीं चाहता हर कोई मुझे जिन्दगी जीने का तरीका बताता है उन्हें कैसे समझाउ एक ख्वाब अधूरा है......... वर्ना जीना मुझे भी आता है
ज़िन्दगी खुली किताब नहीं कुछ राज तो हैं मिले जो पल बोझ नहीं कुछ खाश तो हैं जो चाहो तुम, कुछ भी कहो ऐ मेरे दोस्तो खट्टी मीठी यादें ही सही, कुछ पास तो हैं "अजनबी"31 जुलाई सुबह 09:15
भावों से भरे प्रीत से पले सम्बन्धों में न कोई जीत न कोई हार होती है ये सिर्फ नज़रिया है समझने का क्योंकि अहसासों कि तकरार में कोई जीत कर भी हार जाता है कोई हार कर भी जीत जाता है