I'm Prashant Virendra and I love to read StoryMirror contents.
कुछ टुकड़े मैं तुम्हारे करता हूँ, कुछ तुम मेरे करो, फिर हवा के एक झौंके में उड़ जाएंगे, पज़ल की तरह जुड़... कुछ टुकड़े मैं तुम्हारे करता हूँ, कुछ तुम मेरे करो, फिर हवा के एक झौंके में उड़ जा...
ये लोग अपने जूते तक सोने के कमरे में नही ले जाते , बाथरूम के लिए अलग स्लीपर रखते है ये लोग अपने जूते तक सोने के कमरे में नही ले जाते , बाथरूम के लिए अलग स्लीपर रखते...
'बारिश स्नेहा की कमजोरी थी, उसके कदमो ने खुद ब खुद उसे छत में ले जा कर खड़ा कर दिया।' एक उमीद भरी औरत... 'बारिश स्नेहा की कमजोरी थी, उसके कदमो ने खुद ब खुद उसे छत में ले जा कर खड़ा कर दि...