कहानियों के माध्यम से समाज के रुख , लोगों की भावनाओं और विचारों को सामने रखने की कोशिश करती हूं।
अब छूट गया ऊंगली से हाथ अब तू मुझमें हैं मां। अब छूट गया ऊंगली से हाथ अब तू मुझमें हैं मां।