मैं प्रज्ञा हूँ। मुंबई में रहती हूँ। स्वयं को हिंदी में व्यक्त करना पसंद करती हूं। जो महसूस करती हूँ उसपर कवितायें लिखती हूँ। वर्तमान में बतौर क्वालिटी निरीक्षक एक सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान में कार्यरत हूँ।
The real darkness is inability to make way ahead when you are in living the darkness.
अंधेरे से इश्क़ है मगर दिल में उजाला भरा हो तो जीना रास आता है जाज़बातों को रूह की रौशनी से देखने का हुनर कर लो तो दिलों में उजाला भर जाता है