मैं प्रज्ञा हूँ। मुंबई में रहती हूँ। स्वयं को हिंदी में व्यक्त करना पसंद करती हूं। जो महसूस करती हूँ उसपर कवितायें लिखती हूँ। वर्तमान में बतौर क्वालिटी निरीक्षक एक सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान में कार्यरत हूँ।
इतने में अभिज्ञान, पीहू, अरायना,नीलांशी ने कुर्सी लगाई और बारी बारी से डक्ट में बने छोटे से घोंसले क... इतने में अभिज्ञान, पीहू, अरायना,नीलांशी ने कुर्सी लगाई और बारी बारी से डक्ट में ...