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जवाब मिलता नहीं, भटक रहे कब से तलाश ही बस रह गयी, अब सवाल क्या कहें ! जवाब मिलता नहीं, भटक रहे कब से तलाश ही बस रह गयी, अब सवाल क्या कहें !
सारे गुनाह अब रेत के उसी पार होते हैं क्यूँकि मेरे शहर में अब बस शुतुरमुर्ग बसते हैं।। सारे गुनाह अब रेत के उसी पार होते हैं क्यूँकि मेरे शहर में अब बस शुतुरमुर्...