मैं एक गृहणी हूं,,,मुझे लिखने और पढ़ने का शौक़ है,,,,,
मन हो जाता है नवयौवन, प्रकृति का श्रृंगार करता सावन॥ मन हो जाता है नवयौवन, प्रकृति का श्रृंगार करता सावन॥