सदिया बीत जाती है कवि बनने और कहलाने में, वैसे मुझ मुसाफिर का सफ़र भी सदियो तक ही है । . . —subhadeep chattapadhay
कल रात से ही यह बातचीत दिमाग में चल रही थी कल रात से ही यह बातचीत दिमाग में चल रही थी
इस मोड़ से घर तक का रास्ता प्रायः खाली रहता है इस मोड़ से घर तक का रास्ता प्रायः खाली रहता है