I'm Sukhvinder and I love to read StoryMirror contents.
कितने अंजान चेहरे दुनिया में मिलते हैं, उनमें से कितने जो जिंदगी भर चलते हैं। कितने अंजान चेहरे दुनिया में मिलते हैं, उनमें से कितने जो जिंदगी भर चलते हैं।
खुश्बू बदन की ठगती है मनसीरत, इत्र के पोखर में पाया है तुझको। खुश्बू बदन की ठगती है मनसीरत, इत्र के पोखर में पाया है तुझको।
मिट्टी की खुश्बू वापिस बुलाती है, याद आए तो पल पल रुलाती है। मिट्टी की खुश्बू वापिस बुलाती है, याद आए तो पल पल रुलाती है।