Actually, there is nothing to feel proud or feel ashamed. This is all reaction as a result of comparison among the people group and perception about each other.
सुख है तो भी क्षणिक होगा, दुख है तो भी तनिक होगा। सुख और दुख से निकलना होगा, तभी ये जीवन परिपूर्ण बनेगा।
जिम्मेदारियां कहती हैं कि ना हार सकते हैं ना थक कर बैठ सकते हैं, ये कर्मपथ है, इसमें रूकना भी गुनाह है मुड़ कर देखना भी गुनाह है।
जिंदगी में कभी धूप तो कभी छाँव है, इसमें चलता नहीं किसी का दांव है। अगर समझ सको तो एक पड़ाव है, समझ न सके तो फिर एक छलाव है।
जिनके किस्मत में था झेलना, उनको सही से आया खेलना! मुसीबतों में ऐसी सीख लेना, मुश्किलों में भी निखर लेना!