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हाँ, एक अरसा हो गया ताज महल देखे।” शगुफ़्ता ने मुस्कुरा कर हामी भरी। हाँ, एक अरसा हो गया ताज महल देखे।” शगुफ़्ता ने मुस्कुरा कर हामी भरी।
ज़िन्दगी, कैसी है पहेली हाय, कभी तो हसाये कभी ये रुलाये"। रोहित ने आखरी बचा हुआ विमान ज़िन्दगी, कैसी है पहेली हाय, कभी तो हसाये कभी ये रुलाये"। रोहित ने आखरी बचा हुआ ...