मेरा नाम मृदुला है । मैं एक जाने माने स्कूल की अध्यापिका हूँ। जब भी कुछ गलत होते देखती हूँ तो कुछ ज्यादा बोल नहीं पाती हूँ ।मन होते हुए भी।ऐसे में अपनी भावनाओं को कागज़ पर उतारकर कुछ हल्का महसूस करती हूँ।
Share with friendsनवीन वर्ष ,नवीन सोच हो असली खुशी और असली जोश हो दिखावे और बनाबट से दूर न हो कोई बेहोश सा और नशे में चूर
अल्कोहल में नशा है सबकुछ भूलने का पर भूलकर कर्म नहीं किया जा सकता कर्म के बिना जीवन नहीं जिया जा सकता अल्कोहल लेकर कर्महीन बनने से अच्छा हैअल्कोहल को न लेना।
झूठ को चिल्ला के और सबको सुना के कितना भी बोलो सच को कितना भी दबा लो अच्छाई को कितना भी डरा दो सच की आवाज़ फिर भी गूँजेगी
बुराई का आकार कितना भी बड़ा हो और अच्छाई का साइज कितना भी छोटा हो पर अच्छाई अच्छाई ही होती है बुराई के साथ कितने भी लोग खड़े हों अच्छाई अकेला ही क्यों न हो पर अच्छाई सदैव बुराई से बड़ी है