Mridula -
Literary Colonel
AUTHOR OF THE YEAR 2021 - NOMINEE

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मेरा नाम मृदुला है । मैं एक जाने माने स्कूल की अध्यापिका हूँ। जब भी कुछ गलत होते देखती हूँ तो कुछ ज्यादा बोल नहीं पाती हूँ ।मन होते हुए भी।ऐसे में अपनी भावनाओं को कागज़ पर उतारकर कुछ हल्का महसूस करती हूँ।

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मंजिल तो मिलेगी ही जब चलना शुरू कर ही दिया है बिना मकसद के तो शायद ही मैंने इस ज़िंदगी को जिया है

नवीन वर्ष ,नवीन सोच हो असली खुशी और असली जोश हो दिखावे और बनाबट से दूर न हो कोई बेहोश सा और नशे में चूर

ख़ैरात में दी हुई खुशियाँ मुझे बिलकुल मंज़ूर नहीं मैं तकलीफ़ों में भी राजा की तरह जीना चाहता हूँ

ख़ैरात में दी हुई खुशियाँ मुझे बिलकुल मंज़ूर नहीं मैं तकलीफ़ों में भी राजा की तरह जीना चाहता हूँ

अल्कोहल में नशा है सबकुछ भूलने का पर भूलकर कर्म नहीं किया जा सकता कर्म के बिना जीवन नहीं जिया जा सकता अल्कोहल लेकर कर्महीन बनने से अच्छा हैअल्कोहल को न लेना।

विश्वास पर ही तुम मेरे हो वरना रिश्ते कब के टूट गए होते ।

झूठ को चिल्ला के और सबको सुना के कितना भी बोलो सच को कितना भी दबा लो अच्छाई को कितना भी डरा दो सच की आवाज़ फिर भी गूँजेगी

बुराई का आकार कितना भी बड़ा हो और अच्छाई का साइज कितना भी छोटा हो पर अच्छाई अच्छाई ही होती है बुराई के साथ कितने भी लोग खड़े हों अच्छाई अकेला ही क्यों न हो पर अच्छाई सदैव बुराई से बड़ी है

किसी का दिल नहीं दुखाना चाहिए पाप है पर गलत का साथ देना भी पाप है लेकिन निर्णय कैसे लिया जाए कि गलत कौन है? शायद इसीलिए मेरा मन मौन है।


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