I LIKE WRITING IT SHOWCASE MY CREATIVITY AND IMAGINATION
पर हँसते हँसते थोड़ा गम सह लोना फिर तो जीत तुम्हारी ही होगोना से क्यों रोना। पर हँसते हँसते थोड़ा गम सह लोना फिर तो जीत तुम्हारी ही होगोना से क्यों रोना।
ये अन्दाज़े बयां है, इंसान का ये मुक़म्मल सी जिंदगी। ये अन्दाज़े बयां है, इंसान का ये मुक़म्मल सी जिंदगी।