I'm Himani and I love to read StoryMirror contents.
अपने काजल साफ़े पर ही हँस आते हैं...! अपने काजल साफ़े पर ही हँस आते हैं...!
इंसानियत की लौ तक बुझा आते हैं l इंसानियत की लौ तक बुझा आते हैं l
हमारे ही लहु से, सिंदूरी हुआ जा रहा है...! हमारे ही लहु से, सिंदूरी हुआ जा रहा है...!
न वफ़ाओं की है कोई सीमा, न ख्वाबों की दहलीज़ है...! न वफ़ाओं की है कोई सीमा, न ख्वाबों की दहलीज़ है...!
हमारे तो, दिल ही में दिये, इन टुकड़ों ने, घाव बना...! हमारे तो, दिल ही में दिये, इन टुकड़ों ने, घाव बना...!