I'm Badakhwar and I love to read StoryMirror contents.
निगाहों में बोझल हैं नींद के साए, निगाहों में बोझल हैं नींद के साए,
खुली आँखो से देखे चेहरे कई खुली आँखो से देखे चेहरे कई
अपने ऊपर शक करने की बुरी आदत है इंसान को । अपने ऊपर शक करने की बुरी आदत है इंसान को ।