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Share with friendsजब चांद के इश्क़ में डूब चली थी मै सूरज ने किरणों संग इजहार कर दिया चांद की नजाकत और सूरज की शरारत लिए मैंने खुद से ही फिर मोहब्बत कर लिया
मेरी यादों की बारिश में मुझे भिंगोते मेरी पहली ख्वाहिश हो तुम दिल ढूँढता है जिस अक्स को हर एक चेहरे में मेरी वो पहली गुजारिश हो तुम मेरी जिन्दगी का पहला नशा पहला खुमार मेरा पहला प्यार हो तुम