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आँगन की चार दिवारी जिसका सार रही, घूँघट की ओट जिसका मान रही! आँगन की चार दिवारी जिसका सार रही, घूँघट की ओट जिसका मान रही!
फ़रिश्ते से एक दिन जिन्दगी भी रूबरू होगी। फ़रिश्ते से एक दिन जिन्दगी भी रूबरू होगी।