मैं अभी साहित्य के क्षेत्र में बहुत बड़ा नाम तो नहीं पर प्रयासरत हूँ।अब आप सभी को मेरा नया लेखनी नाम अच्छा लगेगा जो साहित्य संगम संस्थान द्वारा आदरणीय अशोक दीप जी भाई के कर-कमलों प्राप्त हुआ है:-भारत भूषण पाठक"देवांश"🙏🌹🙏 इस अभिलाषा के साथ मैं भी एक न एक दिन अवश्य ही साहित्य के आसमान में बेखौफ... Read more
Share with friendsसंसार के अस्तित्व का मूल कारण संस्कार है, यदि संस्कार न हो तो संसार कहाँ। हमारे शुद्ध आचरण ने ही संसार के अस्तित्व को बनाये रखा है, अन्यथा संसार को शवभूमि बनने में कितनी विलंब हो सकती है। अतएव संस्कार सुरक्षित रखें,संसार स्वतः सुरक्षित हो जाएगा। भारत भूषण पाठक"देवांश"🙏🌹🙏
स्वार्थी नहीं परमार्थी बनें। स्व-हित नहीं सर्व-हित का विचार करना प्रारम्भ करें। स्व-हिताय से आपका सम्भवतः क्षणिक कल्याण हो सर्व-हिताय से स्थायी कल्याण का मार्ग प्रशस्त हो पाएगा।।