यहां न कविता है ना ही गजल है और ना ही यहां गीत है बस............... चंद कतरे है खून के बिखर गए इन पन्नों पर ये न आँसू है ना ही आहें फक्त सिसकियां है राख है मेरे जले दिल की पसर गई है धरती के आँचल पर -------------- ---------------- ..........चेतन.............
Share with friends✍🏻लायक बच्चें✍🏻 पिता कि मौत के बाद अकेली मां ने पांच बच्चो की परवरिश की उन्है लायक बनाया , पांचों अपने पैरो पर पर खडे थे, हालाकि उनको खडा करते करते मां खुद बैठ गई थी, पर उसे सहारा देकर खडा करने वाला कोई न था , मां सोच रही थी कि काश !! एक बच्चा "नालायक" होता , क्योकि लायक बच्चे तो बहूत व्यस्त हो चुके थे!!
ग़ौर कीजिए ! मैरिज हॉल की कुर्सियां कपड़ों से ढकी रहती हैं उतना कपड़ा तो उस पर बैठने *वालियों* के जिस्म पर भी नही होता...!!
गरीब मजदूर हूँ साहब मैं तो गरीब मजदूर हूँ साहब, धरती को अपना बिछोना बनाकर, गगन को अपना ओढ़ना बनाकर, हर दिन अपना एक नया भाग्य लिखकर, दिन-रात मेहनत करता हूँ , जब जाकर पाता हूँ , अपने परिवार की दो वक्त की रोटी, कभी-कभी तो भूखे ही रह कर सो जाता हूँ, मेहनत ही मेरी पूजा, मेहनत से कभी पीछे नहीं हटता, मेहनत से अपना हर अंजाम लिखता हूँ, मैं तो गरीब-मजदूर हूँ साहब, रोज एक नई जिंदगी लिखता हूँ साहब
मैने आपने सबने देखी हे लडकीयां लेकिन वो लडकियां जो अधनंगि अधुरी सी लम्बि लम्बि टाँगें पतले पतले हाथ सुन्दर सुशिशल संस्कारी पर अधढका बदन यहां मिलो मे मिले फैली है पर मानो कपडो की तंगी हे मानवता ही नंगी हे रही नही वह मानवता ये हे फैशन वह हे लडकीयां...........?
बेफिक्री हो कर मनाओं मेरे यारों त्योहार मोहब्बतवाला ! कोई है जो बर्फीले तूफानों में हमारे मोहब्बत का रखवाला !!
भरोसा "खुदा" पर है, तो जो लिखा है तकदीर में, वो ही पाओगे ! मगर, भरोसा अगर "खुद" पर है, तो खुदा वही लिखेगा, जो आप चाहोगे !!
इंसान ने वक़्त से पूछा, मै हार क्यों जाता हूँ? वक़्त ने कहा, धूप हो या छाँव हो, काली रात हो या बरसात हो, चाहे कितने भी बुरे हालात हो, मै हर वक़्त चलता रहता हूँ, इसीलिये मैं जीत जाता हूँ, तू भी मेरे साथ चल तो कभी नहीं हारेगा.
मेरा भारत महान है, हम सब इसकी देंन है, इस धरती पर जन्म लिया, अन्न इसका हमने खाया, यहाँ बहती पावन नदियां, नीर हमने इसका पिया, तन अपना ढका है इस धरती पर बने वस्त्रों से, ज्ञान हमने पाया है बनी यहाँ की गुरु शालाओं से, यहाँ हर बच्चा-बच्ची और नर-नारी ने प्यार पाया है, इस धरती को हम सब शीश झुकाएँ, इस धरती पर जीवन सबने सफल बनाएँ, यह धरा स्वर्ग से भी सुंदर है, प्राणों से भी हमको प्यारा है, मेरा भारत देश