कहानियां दो होती है एक जो हम सुनाना चाहते है और दूसरी वो जो हम लोगो को सुनाते है ...
लेकिन मन में बंधे इन गाठो को उन्हें देखने की शोहबत नहीं।। लेकिन मन में बंधे इन गाठो को उन्हें देखने की शोहबत नहीं।।