शायर हूं शायरी से इतिहास लिख दूंगा ,लोग पूजे मेरी शायरी को उनमें इतना विश्वास कर दूंगा
दरबदर भटकती की एक नजर को , मंजिल-ऐ-कशिश का सहारा मिला । दरबदर भटकती की एक नजर को , मंजिल-ऐ-कशिश का सहारा मिला ।