વિચારોના વૃંદાવનથી શબ્દના સર્જન સુધી...
किनारे पर बैठे वो दोनों ढलते सूरज की रोशनी में खो रहे थे। किनारे पर बैठे वो दोनों ढलते सूरज की रोशनी में खो रहे थे।