STORYMIRROR




00:00
00:00

Chapter 1, Shloka 7,8 / अध्याय १ - श्लोक 7,8

Chapter 1,

अस्माकं तु विशिष्टा ये तान्निबोध द्विजोत्तम।

नायका मम सैन्यस्य संज्ञार्थं तान्ब्रवीमि ते।।1.7।।

भवान्भीष्मश्च कर्णश्च कृपश्च समितिञ्जयः।

अश्वत्थामा विकर्णश्च सौमदत्तिस्तथैव च।।1.8।।

Enjoy more

Chapter 1, Shloka 20,21,22,23 / अध्याय १ - श्लोक 20,21,22,23

अथ व्यवस्थितान् दृष्ट्वा धार्तराष्ट्

Chapter 1, Shloka 15,16,17,18,19 / अध्याय १ - श्लोक 15,16,17,18,19

पाञ्चजन्यं हृषीकेशो देवदत्तं धनंजयः।

Chapter 1, Shloka 12,13,14 / अध्याय १ - श्लोक 12,13,14

तस्य संजनयन्हर्षं कुरुवृद्धः पितामहः।

Chapter 1, Shloka 9,10,11 / अध्याय १ - श्लोक 9,10,11

अन्ये च बहवः शूरा मदर्थे त्यक्तजीविताः।

Chapter 1, Shloka 7,8 / अध्याय १ - श्लोक 7,8

अस्माकं तु विशिष्टा ये तान्निबोध द्विजोत्तम।

Chapter 1, Shloka 4,5,6 / अध्याय १ - श्लोक 4,5,6

अत्र शूरा महेष्वासा भीमार्जुनसमा युधि।

यु

Chapter 1 - Shloka 2 & 3 / अध्याय 1 - श्लोक २ एवं ३
सञ्जय उवाच दृष्ट्वा तु पाण्डवानीकं व्यूढं दुर्योधन
Chapter 1 - Shloka 1 / अध्याय १ - श्लोक १
धृतराष्ट्र उवाच धर्मक्षेत्रे कुरुक्षेत्रे समवेता य