एक आइना ही तो है जो सब सच बताता है, हमारे और आपके असली रूप को पहचानता है |
जब हमारे ज़ख़्म एक से हों और हमारे दर्द की दास्ता
एक आइना ही तो है जो सब सच बताता है, हमारे और आप
इश्क़ की कोई परिभाषा नहीं होती, और ज़रूरी तो नहीं
कुछ इमारतें जो बंज़र हो जाया करती हैं ज़रूरी नहीं
इस ज़िन्दगी की भाग दौड़ में दिल की बस एक ही आरज़ू