“
ऐसा नहीं, कि मैं हवाओं के बदलते रुख़ से अंजान हूँ,
ऐसा भी नहीं, कि तेरे ना होने से परेशान हूँ,
मैं तेरा चाँद ना बन सका,
इस बात का अफसोस बेशक रहेगा मुझे ता-'उमर,
महफूज है तू किसी और कश्ती में,
और मैं भी बेफिकर,
क्योंकि अब तू मेरा सितारा
और मैं बन चुका तेरा सारा आसमान हूँ...
”