चर्म कटी शोभी। गण दास्या उभी। तुच मुळारंभी। शिवहरा॥९॥ जगता या तारी। संकटास मारी जनोद्धार करी। ... चर्म कटी शोभी। गण दास्या उभी। तुच मुळारंभी। शिवहरा॥९॥ जगता या तारी। संकटास म...