STORYMIRROR

ये सूरज में...

ये सूरज में तपिश क्यों है, आज यह दिल में कशिश क्यूं है, मांँ तेरी खुशबू आम के अचार में, पप्पा आपकी खुशबू बगीचे के बयार में, बिन तेरे नहीं क्यों लागे है, मन अब तेरे बिन तड़पे है मेरा मन

By राजेश "बनारसी बाबू"
 203


More hindi quote from राजेश "बनारसी बाबू"
0 Likes   0 Comments
0 Likes   0 Comments
0 Likes   0 Comments
0 Likes   0 Comments
0 Likes   0 Comments