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वक़्त की रेत...

वक़्त की रेत पर अपनी पहचान छोड़ जाता है अपनी सीरत से मुसाफिर यादगार बन जाता है क्या लेकर आये थे और क्या लेकर जाना है अपने सुकर्मों से अपनी पहचान बनाना है...

By neha sharma
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