“
वो आखिरी लम्हा वो आखरी लफ्ज़ तुम्हारा याद है,
जब हम बिछड़े थे वो तुम्हारा आंसू बहाना याद है,
हमारी मोहब्बत का दुश्मन हो गया जालिम जमाना,
कितना मुश्किल था वो पल एक दूसरे से दूर जाना,
साथ चलते चलते क्यों अलग हो गईं राहें हमारी,
आखिर खुदा ने क्यों लिखी ऐसी तकदीर हमारी।।
मिली साहा
”