“
वैसे तो अब मिलना होता साल दो साल मे कभी
पर जरूरत पड़ने पर एक आवाज मे साथ सभी
नही जरूरत दोस्ती के लिये किसी खास दिन की
हमेशा खुश आबाद रहे रोज दुआओ मे माँगते यही
जब जम जाये दोस्तों की मेहफिल मुस्कुराती जिंदगी
कुछ दर्द दोस्त से कह पाते, बिन दोस्त अधूरी हर खुशी
”