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वाणी
मनुष्य के गुण अवगुण वाणी से जाने जा सकते हैं।वाणी मधुर हो तो सब कुछ बस में हो जाता है।अन्यथा सब शत्रु बन जाते हैं। कर्कश वाणी जहर है । धैर्य जीवन के लक्ष्य के द्वार खोल देता है। जिसमें विश्वास वो शक्ति है जो उजड़े हुई दुनिया को फिर से रोशन कर सकती है । जिसका जिसका आकाश में उड़ने का मन हो रेगने के लिए कभी सहमत नहीं होगा इस नीति को अनुसरण करने वाला सुनता सबकी है पर करता अपने मन की है।
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